भूमि पूजन के लिए 100 नदियों का जल और 2000 जगहों की मिट्टी अयोध्या पहुंची
5 अगस्त को भूमिपूजन कार्यक्रम के लिए देश के 1500 पवित्र और ऐतिहासिक स्थानों की मिट्टी मंगाई गई है. इसके साथ ही 2000 स्थानों से पवित्र जल भी मंगाया गया है. (फोटो-पीटीआई)
अयोध्या. राम मंदिर भूमिपूजन के लिए तीन दिवसीय अनुष्ठान 3 अगस्त से शुरू हो चुका है. सुबह 9.30 बजे गणेश पूजन किया गया. इसके बाद बड़ी देवी काली मंदिर में पूजा हुई. बड़ी देवी काली भगवान राम की कुल देवी मानी जाती हैं. मंगलवार, यानी 4 अगस्त को हनुमान गढ़ी में पूजा होगी. इसके बाद बुधवार यानी 5 अगस्त को भूमि पूजन का कार्यक्रम होगा. भूमि पूजन के लिए 100 नदियों का जल और 2000 जगहों की मिट्टी अयोध्या पहुंच चुकी है.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को अयोध्या आएंगे. पीएम मोदी एक संक्षिप्त पूजन के साथ राम मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया शुरू करेंगे. उन्होंने कहा-
इस अवसर पर देश की 100 पवित्र नदियों के 1500 स्थानों का जल और लगभग 2000 पवित्र स्थानों की मिट्टी अयोध्या पहुंची है. कुछ लोगों ने डाक से भी ये भेजा है.
मिट्टी और जल को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कार्यालय में रखा गया है. ट्रस्ट की ओर से जारी बयान में कहा गया है-
लोगों ने अपने आसपास का जल या संरक्षित जल कुरियर से भी भेजा है. इसमें गंगा, यमुना, नर्मदा, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, सिन्धु, ब्रह्मपुत्र, झेलम, सतलुज, रावी, चिनाब और व्यास सहित सभी पवित्र नदियों और प्रसिद्ध कुंडों का जल शामिल है. इसके साथ ही अनेक स्थानों की मिट्टी और जल भेजा गया है.
इनमें प्रमुख रूप से हल्दी घाटी की मिट्टी, वैष्णो देवी मंदिर, चितौड़गढ़, स्वर्ण मंदिर, नाना साहब पेशवा के किले, रायगढ़ के किले, सभी ज्योतिर्लिंगों के प्रांगण समेत 1500 स्थानों से मिट्टी मंगाई गई है. यह सिलसिला 15 दिन पहले शुरू हुआ था, जो अब तक चल रहा है. वैदिक विद्वानों के सुझाव के आधार पर समय-समय पर निर्माण में इसका इस्तेमाल किया जाएगा.
चंपत राय ने कहा है कि यह ऐतिहासिक अवसर है. देश की आजादी के बाद इस अवसर का आनंद अयोध्या का समाज मना रहा है. अयोध्या को सजाया जा रहा है. लोग अपने-अपने स्थानों पर भजन-पूजन और कीर्तन करेंगे, प्रसाद वितरण करेंगे और दीपोत्सव मनाएंगे. उन्होंने राम भक्तों से अनुरोध किया है कि वे अपनी-अपनी जगहों पर ही इस मौके पर उत्सव मनाएं. भजन-पूजन, कीर्तन करें और प्रसाद बाटें.
अयोध्या. राम मंदिर भूमिपूजन के लिए तीन दिवसीय अनुष्ठान 3 अगस्त से शुरू हो चुका है. सुबह 9.30 बजे गणेश पूजन किया गया. इसके बाद बड़ी देवी काली मंदिर में पूजा हुई. बड़ी देवी काली भगवान राम की कुल देवी मानी जाती हैं. मंगलवार, यानी 4 अगस्त को हनुमान गढ़ी में पूजा होगी. इसके बाद बुधवार यानी 5 अगस्त को भूमि पूजन का कार्यक्रम होगा. भूमि पूजन के लिए 100 नदियों का जल और 2000 जगहों की मिट्टी अयोध्या पहुंच चुकी है.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को अयोध्या आएंगे. पीएम मोदी एक संक्षिप्त पूजन के साथ राम मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया शुरू करेंगे. उन्होंने कहा-
इस अवसर पर देश की 100 पवित्र नदियों के 1500 स्थानों का जल और लगभग 2000 पवित्र स्थानों की मिट्टी अयोध्या पहुंची है. कुछ लोगों ने डाक से भी ये भेजा है.
मिट्टी और जल को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कार्यालय में रखा गया है. ट्रस्ट की ओर से जारी बयान में कहा गया है-
लोगों ने अपने आसपास का जल या संरक्षित जल कुरियर से भी भेजा है. इसमें गंगा, यमुना, नर्मदा, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, सिन्धु, ब्रह्मपुत्र, झेलम, सतलुज, रावी, चिनाब और व्यास सहित सभी पवित्र नदियों और प्रसिद्ध कुंडों का जल शामिल है. इसके साथ ही अनेक स्थानों की मिट्टी और जल भेजा गया है.
इनमें प्रमुख रूप से हल्दी घाटी की मिट्टी, वैष्णो देवी मंदिर, चितौड़गढ़, स्वर्ण मंदिर, नाना साहब पेशवा के किले, रायगढ़ के किले, सभी ज्योतिर्लिंगों के प्रांगण समेत 1500 स्थानों से मिट्टी मंगाई गई है. यह सिलसिला 15 दिन पहले शुरू हुआ था, जो अब तक चल रहा है. वैदिक विद्वानों के सुझाव के आधार पर समय-समय पर निर्माण में इसका इस्तेमाल किया जाएगा.
चंपत राय ने कहा है कि यह ऐतिहासिक अवसर है. देश की आजादी के बाद इस अवसर का आनंद अयोध्या का समाज मना रहा है. अयोध्या को सजाया जा रहा है. लोग अपने-अपने स्थानों पर भजन-पूजन और कीर्तन करेंगे, प्रसाद वितरण करेंगे और दीपोत्सव मनाएंगे. उन्होंने राम भक्तों से अनुरोध किया है कि वे अपनी-अपनी जगहों पर ही इस मौके पर उत्सव मनाएं. भजन-पूजन, कीर्तन करें और प्रसाद बाटें.
EDITED BY RAHUL YADAVFOLLOW EXPRESS NEWS
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